Saturday, December 18, 2021

Holi Kab Hai | होली कब है | Holi Date

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 दोस्तों अगर आपको नहीं पता Holi Kab Hai ओर आप जानना चाहते Holi Date 2022 की तो आप इस आर्टिकल के साथ बने है । आज में आपको बताने वाला हूँ होली कब है , 2022 me holi kab hai , ओर होली दहन कब है , ओर होली क्यों मनाई जाती हैं । 


भारत में आए दिन कोई ना कोई त्योहार मनाया जाता है ऐसे में सभी त्योहारों की जानकारी एक सामान्य बात है भारत मे अलग-अलग धर्मों के साथ उनकी विभिन्न मान्यता भी महजूद है लेकिन सभी धर्मों के लोग सभी त्योहारों को मिलजुलकर और बड़े ही खुशी से मनाते हैं । यही तो हमारे देश की खूबसूरती है तो चलिए अब जानते हैं Holi Kab Hai ओर भारत में होली क्यों मनाई जाती है 

होली कब है ? Holi Kab Hai 

Holi Date 2022 : 17 march 2022 ( गुरुवार ) है ओर होलिका दहन शुभ मुहूर्त 21: 20 : 55 से 22 : 31:09 तक रहेगी । 

अवधि : 1 घंटा 10 मिनट 

भद्रा पूंछा : 22:31:09 से 00:28:13 तक रहेगी । 

2022 में होली कब है 

अब बात करते है  होली की रंगों का त्यौहार कब है 2022 में होली 18 मार्च शुक्रवार को उस दिन रंगों वाली होली खेली जाएगी । 

2025 में होली कब है

2025 होली का दिन ओर तारीख :- 14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार 

2025 holi Date : - 14 March & Friday 

होली कब है 2024

25 मार्च 2025 दिन सोमवार 

2024 holi date :- 25 March 2024 Monday 

होली क्यों मनाई जाती हैं ? 

दोस्तों हम हर साल कई त्योहार मनाते हैं पर इन त्योहारों के पीछे की कहानियां के बारे में नहीं जानते है ओर इनकी शुरुआत कहां से हुई थी । दोस्तों अगर आप भी होली मनाने की रहस्य नहीं जानते हैं तो में आपको बता देता हूँ । 

हिरण्यकश्यप शैतानों का राजा हुआ करता था । ओर उसे लंबी तपस्या के बाद ब्रह्मा से वरदान मिला हुआ था जिससे उसको ना तो दिन में मारा जा सकता था और ना रात को ओर ना घर के अंदर ओर ना ही घर के बहार ओर ना धरती पर ओर ना ही आसमान में उसको ये मिला वरदान पर हॉबी  हो गया। उसके बाद वो धरती ओर दूसरे युगों पर अटैक करने लगा वो जहां जाता था । वो सबसे कहता भगवानों की पूजा करना छोड़ दें ओर उसी को मारना सुरु कर दे । 

ऐसा बहुत समय तक चलता है फिर उसको एक बेटा हुआ जिसका नाम रखा गया था परलाद , पहलाद शुरुआत से विष्णु को मानते थे ओर उन्हीं को पूजा करते थे । जब बहार के लोग हिरण्यकश्यप की पूजा करते और उसका खुद का बेटा ही उसका पूजा ना करता तो इस बात से वो बहुत क्रोधित हो गया उसने अपने बेटे को इसी के लिए धमकाना सुरु कर दिया पर वो नहीं माना । उसने अपने ही बेटे को मारने के लिए की कई नीतियां अपनाई पर कोई काम ना करी ।

यहां तक कि जब उसने अपने बेटे को जहरीले सांपो के साथ छोड़ दिया तब भी उसको कुछ नही हुआ इतनी मुश्किलों ओर रोका टोकी के बावजूद भी परलाद भगवान विष्णु की पूजा करता रहा आखिर में हिरण्यकश्यप अपने बेटे को खत्म करने के लिए एक ओर नीति अपनाया । 

उसने अपनी राक्षसी बहन होलिका को कहा कि वो परलाद को लेकर आग में बैठ जाएं होलिका ने एक चादर ओढ़ ली ताकि वो आग से बच जाए ओर परलाद जल जाए 

पर परलाद साथ कृष्ण भगवान का साथ था कुदरत की करनी को तो देखे वो चादर उड़ कर होलिका से परलाद पर आ गया और इसी वजह से होलिका जल कर भस्म हो गयी और परलाद बच गया और इसी के बाद विष्णु ने आकर दिन ओर रात के बीच साम की समय मे हिरण्यकश्यप का भी अंत दिया इसी के बाद से हर साल लोग इसी दिन होली दहन करके होली मनाने लगे । 

ओर दोस्तों हमारे अंदर ये भी सवाल आता है कि होली पर रंगों से ही क्यों खेलते है और रंगों से खेलना किसने करा था तो ऐसा तब सुरु हुआ था जब श्री कृष्ण ने आपने दोस्तों के साथ वृंदावन में रंगों के साथ होली खेलनी सुरु की थी । 

पुराने समय में रागों को फूलों से बनाया जाता था और वो स्किन के लिए भी बहुत अच्छे होते थे पर कुछ सालों बाद इन रंगों को केमिकल से बनाया जाने लगा इनके अनेक नुकसान होती है दोस्तों में आपसे इसीलिए रिक्वेस्ट करता हूं । की आप केमिकल वाले रंगों का कम से कम इस्तेमाल करें 

दोस्तों ये थी Holi की  Date ओर Holi Kab Hai ओर आखिर में होली क्यों मनाई जाती हैं । उम्मीद करता हूँ ये जानकारी आपको पंसद आया होगा तो आपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि उनको भी पता चल सके कि 2022 me holi kab hai ।

Holi Kab Hai 

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